Just another word
22.2.14
हार
रात
के
बाद
एक
सवेरा
है
,
तू
भीड़
में
है
आज
,
कल
अकेला
है
,
तू
क्यों
इस
जहान
को
महत्व
दे
रहा
है
?
ये
दुनिया
नहीं
छीन
सकती
तुझसे
जो
तेरा
है
,
जो
तेरा
है
और
जो
सिर्फ
तेरा
ही
है
!!!
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